हकलाहट बनाम नई भाषा सीखना
1. जिस प्रकार हम अंग्रेजी या कोई नई भाषा बोलना सीखते समय ढेरों गलतियां करते हैं, उसी तरह हकलाहट पर कार्य करते समय भी गलतियां होना, बार-बार हकलाना स्वाभाविक है। आप अपने घर में कमरे के अन्दर बैठकर धाराप्रवाह बोलना नहीं सीख सकते हैं। आपको बाहर निकलना होगा बार-बार हकलाने के लिए, बार-बार गलतियां करने के लिए।
2. नई भाषा हम तभी सीख सकते हैं जब अपने दैनिक जीवन में, कार्यालय में, कॉलेज में और परिवार में बार-बार उसका इस्तेमाल करें। ठीक इसी तरह जब आप हकलाहट पर काम करना शुरू करेंगे तो सभी जगह हकलाहट के बारे में खुलकर बातचीत करना, स्पीच तकनीक का अभ्यास करना, स्वैच्छिक हकलाहट यानी जान-बूझकर हकलाना आदि का प्रयोग करना जरूरी है।
3. अंग्रेजी या कोई नई भाषा सीखने के लिए बार-बार गलत बोलना, गलत उच्चारण करना एक सामान्य और स्वाभाविक प्रक्रिया है। ऐसे ही हकलाहट पर काम करते समय कई बार हकलाना, विपरीत हालातों का सामना करना सीखना एक सामान्य बातचीत का ही हिस्सा है।
4. नई भाषा सीखते समय जब आप किसी शब्द को गलत बोलते है, तो उसका सही अर्थ जानना और सही उच्चारण करने की कोषिष करते हैं। इसी तरह जब आप किसी शब्द पर हकलाते हैं, तो बार-बार उस शब्द का सही उच्चारण करने की कोषिष करते हैं, कोई स्पीच तकनीक का प्रयोग कर उच्चारण करते हैं।
5. नई भाषा सीख सीखने के दौरान जब हम एक-दो शब्द या वाक्य सही बोलते हैं, तो अन्दर से बड़ा सुकून मिलता है, आनन्द आता है। उसी तरह हकलाहट पर वर्क करते समय जब आप किसी शब्द या वाक्य को सही तरीके से बोल पाएं तो उसकी खुषी मनानी चाहिए, सुख का अहसास होना चाहिए।
6. अंग्रेजी या नई भाषा के प्रति झिझक खत्म करने के लिए हमेषा अनजान लोगों से बातचीत करने की सलाह दी जाती है। ठीक यही बात हकलाहट पर भी लागू होती है। हकलाहट के डर से आजाद होने के लिए अनजान लोगों से लगातार बातचीत करने
6. अंग्रेजी या नई से बातचीत करने की सलाह दी जाती है। ठीक यही बात हकलाहट पर भी लागू होती है। हकलाहट के डर से आजाद होने के लिए अनजान लोगों से लगातार बातचीत करने की कोषिष करते रहना आवष्यक है। तभी आप हकलाहट के डर से आजाद हो पाएंगे।
7. नई भाषा में प्रभावी संचार के लिए अपने चेहरे के हाव-भाव, आई कान्टेक्ट, हाथेलियां और पैर के सही भाषा के प्रति झिझक खत्म करने के लिए हमेषा अनजान लोगों संचालन पर ध्यान देने की बात कही जाती है, यही सब बातें हकलाहट पर भी लागू होती हैं। एक बेहतर संचार के लिए इन सभी बातों पर गहराई से ध्यान देना सभी के लिए जरूरी है।
8. नई भाषा आप अपने जीवन में विकास के लिए, सफलता अर्जित करने के लिए, ज्ञान प्राप्त करने के लिए, अधिक से अधिक लोगों बातचीत करने के लिए सीखते हैं। ठीक इसी तरह हकलाहट पर वर्क आप इसीलिए करते हैं, ताकि एक कुषल संचारकर्ता बन सकें।
पते की बात : आप यह सोचना छोड़ की हकलाने पर लोग क्या कहेंगे? महत्वपूर्ण बात तो यह है की खुद के प्रति समर्पित होकर हकलाहट के लिए वर्क करना कब शुरू करेंगे? कब तक इंतजार करते रहेंगे? कब तक तारीख पर तारीख आती रहेगी और आप हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे? सच तो यह है कि हकलाहट पर कार्य करने के लिए किसी मुहूर्त की जरूरत नहीं है, आप तुरंत षुरू कर दें, मुष्किलों का सामना करें और आगे बढ़ें।------ more
2. नई भाषा हम तभी सीख सकते हैं जब अपने दैनिक जीवन में, कार्यालय में, कॉलेज में और परिवार में बार-बार उसका इस्तेमाल करें। ठीक इसी तरह जब आप हकलाहट पर काम करना शुरू करेंगे तो सभी जगह हकलाहट के बारे में खुलकर बातचीत करना, स्पीच तकनीक का अभ्यास करना, स्वैच्छिक हकलाहट यानी जान-बूझकर हकलाना आदि का प्रयोग करना जरूरी है।
3. अंग्रेजी या कोई नई भाषा सीखने के लिए बार-बार गलत बोलना, गलत उच्चारण करना एक सामान्य और स्वाभाविक प्रक्रिया है। ऐसे ही हकलाहट पर काम करते समय कई बार हकलाना, विपरीत हालातों का सामना करना सीखना एक सामान्य बातचीत का ही हिस्सा है।
4. नई भाषा सीखते समय जब आप किसी शब्द को गलत बोलते है, तो उसका सही अर्थ जानना और सही उच्चारण करने की कोषिष करते हैं। इसी तरह जब आप किसी शब्द पर हकलाते हैं, तो बार-बार उस शब्द का सही उच्चारण करने की कोषिष करते हैं, कोई स्पीच तकनीक का प्रयोग कर उच्चारण करते हैं।
5. नई भाषा सीख सीखने के दौरान जब हम एक-दो शब्द या वाक्य सही बोलते हैं, तो अन्दर से बड़ा सुकून मिलता है, आनन्द आता है। उसी तरह हकलाहट पर वर्क करते समय जब आप किसी शब्द या वाक्य को सही तरीके से बोल पाएं तो उसकी खुषी मनानी चाहिए, सुख का अहसास होना चाहिए।
6. अंग्रेजी या नई भाषा के प्रति झिझक खत्म करने के लिए हमेषा अनजान लोगों से बातचीत करने की सलाह दी जाती है। ठीक यही बात हकलाहट पर भी लागू होती है। हकलाहट के डर से आजाद होने के लिए अनजान लोगों से लगातार बातचीत करने
6. अंग्रेजी या नई से बातचीत करने की सलाह दी जाती है। ठीक यही बात हकलाहट पर भी लागू होती है। हकलाहट के डर से आजाद होने के लिए अनजान लोगों से लगातार बातचीत करने की कोषिष करते रहना आवष्यक है। तभी आप हकलाहट के डर से आजाद हो पाएंगे।
7. नई भाषा में प्रभावी संचार के लिए अपने चेहरे के हाव-भाव, आई कान्टेक्ट, हाथेलियां और पैर के सही भाषा के प्रति झिझक खत्म करने के लिए हमेषा अनजान लोगों संचालन पर ध्यान देने की बात कही जाती है, यही सब बातें हकलाहट पर भी लागू होती हैं। एक बेहतर संचार के लिए इन सभी बातों पर गहराई से ध्यान देना सभी के लिए जरूरी है।
8. नई भाषा आप अपने जीवन में विकास के लिए, सफलता अर्जित करने के लिए, ज्ञान प्राप्त करने के लिए, अधिक से अधिक लोगों बातचीत करने के लिए सीखते हैं। ठीक इसी तरह हकलाहट पर वर्क आप इसीलिए करते हैं, ताकि एक कुषल संचारकर्ता बन सकें।
पते की बात : आप यह सोचना छोड़ की हकलाने पर लोग क्या कहेंगे? महत्वपूर्ण बात तो यह है की खुद के प्रति समर्पित होकर हकलाहट के लिए वर्क करना कब शुरू करेंगे? कब तक इंतजार करते रहेंगे? कब तक तारीख पर तारीख आती रहेगी और आप हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे? सच तो यह है कि हकलाहट पर कार्य करने के लिए किसी मुहूर्त की जरूरत नहीं है, आप तुरंत षुरू कर दें, मुष्किलों का सामना करें और आगे बढ़ें।------ more
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