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सोमवार, 7 सितंबर 2015

क्या मेरे बच्चे या बच्ची का हकलाना स्वम ठीक हो जायेगा

                          क्या मेरे बच्चे या बच्ची का हकलाना स्वतः  ठीक हो जायेगा?;

जैसा कि हम पहले कह चुके है कि हकलाना प्रायः बच्चे की वाणी के विकास की प्राकृतिक प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग है लेकिन समस्या के अपने आप दूर हो जाने को अब सही  नहीं माना जाता है। निम्न बिन्दुओ के अनुसार बच्चे की बोलने की में होने वाली समस्या का आंकलन किया जाना चाहिये और 5 वर्ष की आयु से पहले भी विशेषज्ञ की सलाह ली जानी चाहिये।                                                                                                          1-क्या बच्चे का कोई निकट संबंधी जैसे चाचा,भाई,पिता आदि हकलाते थे या हकलाते है ?                             2 - क्या बच्चा पूरे शब्दों को नही,मगर उसके हिस्सों को दो से भी ज्यादा बार दोहराता है -म -म -म -म -मम्मी ? हकलाने पर बच्चो के चेहरे व मुह के आसपास की  मासपेशियों में तनाव व संघर्ष दिखाई देता है ?                     3- ध्वनियों के दोहराव के साथ-साथ बच्चे की आवाज का पिच भी ऊचा होने लगता है और बच्चा कभी-कभी  अटक जाता है। न ध्वनि,  न ही हवा उसके गले के बाहर आ रही होती है,कई क्षणों के लिये ?                             4- बच्चे की वाणी विकास में कुछ हकलाना अपने आप आता और चला जाता है लेकिन अगर बच्चे की हकलाने की आवृति बढ़ती जा रही है और अगर बच्चे की मुशिकलें स्थाई होती जा रही है तो इसका मतलब है की बच्चे को हमारे यहाँ एकबार अवश्य लाकर दिखलाना चाहिये।                                                                                  5- अगर बच्चा बोलते हुये शब्दों में लगभग 10 %या उससे अधिक शब्दों पर  हकलाता है या हकलाने पर बहुत सा तनाव या संधर्ष दिखाई पड़ती है या बच्चा हकलाने से बचने के लिये शब्दों को बदल लेता है या अनावश्यक ध्वनि या शब्दों का प्रयोग करता है,ऐसी सिथति में बच्चा विशेषज्ञ की सलाह व सेवाओं से अवश्य लाभान्वित होगा।                                                                                                                                                           6 ,बहुत से हकलाने वाले व्यवित अपनी हकलाहट को इतनी अच्छी तरह छुपाने में माहिर होते है की उनकी हकलाहट का पता उनके परिवार,दोस्तों को भी पता नही चलता है। ऐसा लगातार करने से हकलाहट अन्दर ही अन्दर बढ़ती रहती है।   click here 

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