छठा नियम
जिस व्यवित से बात कर रहे हो उससे हमेशा ऑख मिलाकर बात करो ; - यह संभावना है कि यह काम पहले से भी करते हों पर यदि न करते हों तो सुनने वाले की आँखो से देखने का अधिक या कम लगातार प्राकृतिक तरीके से देखने की शुरुआत करें। यह उस समय ज्यादा महत्वपूर्ण है जब आप हकला रहे हों। लगातार एक प्राकृतिक आँख का समबन्ध बनाए रखने से आपके अंदर से शर्म की भावना धीरे -धीरे कम होगी। इस नियम का मतलब यह नहीं है कि आप सुनने वाले की आँखो में घूरने लगो। बात को शुरू करने से पहले आँखो के बीच समबन्ध बनाए और बात करते समय एक प्राकृतिक रूप से आँखो के बीच समबन्ध बनाए रखें। इसलिए आपको एक स्वस्थ्य आँखो का सम्बन्ध अपने और सुनने वाले के बीच स्थापित करने की आदत डालें।
जिस व्यवित से बात कर रहे हो उससे हमेशा ऑख मिलाकर बात करो ; - यह संभावना है कि यह काम पहले से भी करते हों पर यदि न करते हों तो सुनने वाले की आँखो से देखने का अधिक या कम लगातार प्राकृतिक तरीके से देखने की शुरुआत करें। यह उस समय ज्यादा महत्वपूर्ण है जब आप हकला रहे हों। लगातार एक प्राकृतिक आँख का समबन्ध बनाए रखने से आपके अंदर से शर्म की भावना धीरे -धीरे कम होगी। इस नियम का मतलब यह नहीं है कि आप सुनने वाले की आँखो में घूरने लगो। बात को शुरू करने से पहले आँखो के बीच समबन्ध बनाए और बात करते समय एक प्राकृतिक रूप से आँखो के बीच समबन्ध बनाए रखें। इसलिए आपको एक स्वस्थ्य आँखो का सम्बन्ध अपने और सुनने वाले के बीच स्थापित करने की आदत डालें।
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