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रविवार, 27 सितंबर 2015

Graund Rules सातवाँ नियम

                                                      सातवाँ नियम                                                                              
इस बात का निरीक्षण करें कि हकलाते समय आपकी बोलने वाली मांसपेशियाँ क्या करती है। जो कि असमान्य जनक हों ; - यह नियम हकलाहट से स्वयं चिकितसा का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।  इसके अनुसार हमें यह पता करना होता हैं कि हकलाते समय हमारी बोलने वाली मांसपेशियाँ क्या करती है। जो कि उसके सामान्य काम से गलत हों। इसमे आप सर्व प्रथम यह जानने कि जरूरत है कि आप गलत क्या करते है।  और फिर उन्हें दूर कर दो यह जानने के लिए कि आप अपनी बोलने वाली मासपेशियों का कैसे गलत इस्तेमाल करते हैं। आप उन हकलाने वाली परिसिथतियों को दोहराए यह जानने के कई तरीके हो सकते हैं। जैसे जानबूझकर काफी देर तक हकलाए और अपनी गतिविधियों पर ध्यान दे। इसके लिए आप रिकार्डर कर के भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कांच के सामने या किसी व्यवित के साथ भी आप यह जानने का प्रयास कर सकते हैं। निरीक्षण करने के बाद आप पायेंगे कि आपकी बोलने वा मांसपेशियाँ कई कठिन हरकते करती हैं ,जो कि आवाज उतपत्ति में सहायक नहीं होती हैं। इन असमान्य गतिविधियों को रोकने के लिए हम BOCK CORRECTION TECHNICQUE  का इस्तेमाल करते है।                                                                                                                                                           

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