सेन्टर के नियम
1-यह पत्र मिलते ही (अपने उस मोबाइल नमबर से जो इस पत्र में आपके पते के साथ लिखा है )FA( Found Advis ) Type करके 9300273703 ,9200824582 पर SMS कीजिये। SMS में लेटर नंबर जो इस पत्र के प्रथम पेज में है-अवश्य लिखे। यदि आप नही करते है तो 10 दिन बाद पुनः लेटर भेज दिया जायेगा। इसके बाद आपको इस पत्र की प्राप्ति के 15 दिन के अन्दर आप फोन से सम्पर्क कीजिये जिससे हम आपकी आवाज सुन सके तथा आपकी गहराई कितनी है-यह मालूम कर सके और आपको समय-समय में सारी जानकारी भेजी जाती रहेगी। रजिस्टेशन के बाद आप कभी भी कोर्स ज्वाइन कर सकते है। आप जिस दिन आना चाहते है-उसके दो-तीन दिन पहले फोन से या मोबाइल से सम्पर्क कर हमें सूचित कर दीजिये। हम आपको डेट बता देंगे की आप इस तारीख़ को आइये तथा आप के लिये खाट-बिस्तर-कमरा-थाली-गिलास अथर्त सिट रिजर्व कर दी जायेगी। रजिस्टेशन करवाने के बाद कोर्स कभी भी सीट बुक करवाकर ज्वाइन किया जा सकता है। 2-होमकोर्स आप कभी भी पारम्भ कर सकते है। आप एक दिन यहाँ आकर भी सारी बातें समझ सकते है। आप जब कभी भी पत्र व्यव्हार या फोन से सम्पर्क करें तब इस पत्र में अंकित पत्र क्रमाक अवश्य बतावे। इस प्रॉस्पेक्ट्स में लिखी गई फीस प्रॉस्पेक्ट्स प्राप्त होने के तीन माह तक ही मान्य है। 3-संस्था की किसी प्रकार की शिकायत फोन पर स्वीकार नही की जाती ब्लीक लिखित रूप में डाक या कोरियर से स्वीकार की जाती है तथा उचित निराकरण किया जाता है। किसी प्रकार का संस्था के साथ विवाद होने पर न्याय क्षेत्र मैहर या सतना ही मान्य होगा। 4-सेन्टर के नियमों का पालन करना ही प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण के दौरान कोई शिकायत पाये जाने पर सेन्टर से निकला जा सकता है। आवश्यकता पड़ने पर पत्र-व्यवहार किया जा सकता है। 5-आप मैहर / सतना में किसी जगह रहकर भी हर रोज सेण्टर में आ जा सकते है। सेन्टर नियमानुसार खुलता है लेकिन अच्छी सफलता के लिये छात्रवास में रहना जरूरी है। यदि आप परामर्श के लिये आते है तो परामर्श (विजिटिंग फीस 300 रूपये है। 6-सुबह 8 से रात्रि 8 बजे के बीच फोन नंबर 07674-234392 से या मोबाइल नं , 09300273703 से बात कर सकते है तथा और अधिक जानकारी प्रप्त कर सकते है-रविवार को अवकाश रहेगा। पत्र या फोन में लेटर नं -या रजिस्र्टेशन नबंर अवश्य लिखे /बताये। 7-किसी भी शहर में 10 -15 मरीज होगे पर कैप लगाकर भी इलाज किया जाता है। अभी तक रांची-मेरठ- विजयवाड़ा सहित 20 शहरों में कैप लगाये जा चुके है। 8-हर वर्ष मार्च माह के अन्त में अंशदान एवं नियमों में संशोधन किया जा सकता है। 9-सेन्टर में बहरे-गुगे-पागल-मानसिक रूप से पीड़ित व्यवित को प्रवेश नही मिलता है। केवल बहरे-गुगे एवं अन्धो की शिक्षा एवं हास्टल सुविधा प्रस्तावित है।
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