पाँचवा नियम
अपनी ओर से इस बात का भरसक प्रयत्न करो की हकलाने की समस्या की वजह से किसी परिसिथति से भागने का प्रयत्न न करो, अपनी हकलाहट को कम करने के लिए हम कई कामों को न करना ,शब्दों को बदल देना या बात को न कहना जैसी गलत आदत डाल लेते हैं। हमारी अधिकतर तकलीफ कामों से बचकर भागने की प्रवृत्ति के कारण होता है। इस प्रकार की बचकर भागने की गति विधियाँ हमें थोड़े समय के लिए आराम देती है ,लेकिन यह आदत धीरे -धीरे हमारे डर को बहुत अधिक बढ़ा देती है। उदाहरण के लिए जैसे जब फोन की गंटी बजती है तो हम फोन नहीं उठाते क्योंके हमें लगता है कि हम ठीक ढक से बोल नहीं पायेंगे। धीरे -धीरे इस बच कर भागने की आदत के कारण आप अपने आप मे फोन के प्रति डर पैदा कर लेंगे। डर को बनने से रोकने के लिए इस प्रकार का पूरा प्रयत्न करना चाहिए कि कभी जैसे पार्टी ,सामाजिक उत्सव आदि। यह बहुत ही कठिन कार्य है लेकिन कई विशेषज्ञ यह मानते हैं। यह नियम किसी नियम की अपेक्षा सबसे आराम देता है। तो आज से हकलाहट की वजह से किसी भी काम से भागने का प्रयत्न मत करें।
अपनी ओर से इस बात का भरसक प्रयत्न करो की हकलाने की समस्या की वजह से किसी परिसिथति से भागने का प्रयत्न न करो, अपनी हकलाहट को कम करने के लिए हम कई कामों को न करना ,शब्दों को बदल देना या बात को न कहना जैसी गलत आदत डाल लेते हैं। हमारी अधिकतर तकलीफ कामों से बचकर भागने की प्रवृत्ति के कारण होता है। इस प्रकार की बचकर भागने की गति विधियाँ हमें थोड़े समय के लिए आराम देती है ,लेकिन यह आदत धीरे -धीरे हमारे डर को बहुत अधिक बढ़ा देती है। उदाहरण के लिए जैसे जब फोन की गंटी बजती है तो हम फोन नहीं उठाते क्योंके हमें लगता है कि हम ठीक ढक से बोल नहीं पायेंगे। धीरे -धीरे इस बच कर भागने की आदत के कारण आप अपने आप मे फोन के प्रति डर पैदा कर लेंगे। डर को बनने से रोकने के लिए इस प्रकार का पूरा प्रयत्न करना चाहिए कि कभी जैसे पार्टी ,सामाजिक उत्सव आदि। यह बहुत ही कठिन कार्य है लेकिन कई विशेषज्ञ यह मानते हैं। यह नियम किसी नियम की अपेक्षा सबसे आराम देता है। तो आज से हकलाहट की वजह से किसी भी काम से भागने का प्रयत्न मत करें।
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