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शनिवार, 17 अक्तूबर 2015

थेरेपी और सावधानी रखनी चाहिए

                           थेरेपी लेने के बाद हमें क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए
                                                     थेरेपी लेने के पहले
- यदि आप किसी थेरेपी सेंटरस / स्टंमेरिंग सेन्टर / सुपोर्ट ग्रुप /नेशनल कॉन्फरेंस में  थेरेपी लेने जाने की प्लानिंग कर रहे है  तो निम्न लिखित बातो का ध्यान रखना चाहिए
1 -समय----- टाइम ले कर जाना चाहिए क्यों की हकलाहट का ट्रीटमेंट चमत्कारी  मेथड से नहीं हो सकता  यदि आप टाइम ले कर नहीं जाते तो आप का मन घर में /ऑफिस में / स्कूल /कालेज में लगा रहेगा और आप सही तरीके से थेरेपी नहीं ले पाओगे  और आप को  किसी भी तकनीक पर विश्वास नहीं होगा अतः टाइम का प्रेशर  पैदा ना  होने दीजिये । आप के लिए आर्गेनाइजर  जो टाइम रिकमेंड किया है उतना टाइम दीजिये और लास्ट में एक बार कहिये की यदि और टाइम जी जरुरत हो तो मै  दे सकता हूँ। चुकी स्टंमेरिंग  एक आर्ट है यहाँ टाइम लगता है क्लिक हियर 

2 -मन  की एकाग्रता  -   रियल  बात यह है की कोई हकलाने वाला व्यक्ति इतना सहमा /डरा / संकोची  होता है की उसका विश्वाश किसी डॉक्टर / स्पीच थेरेपिस्ट / पर बिलकुल विश्वाश तो होता ही नहीं है यहाँ तक की उसे अपने आप पर भी विश्वाश नहीं होता है जब वह कोई टेक्निक सीख रहा होता है तब तब भी शंका में घिरा रहता है की मै  यह टेक्निक मेरे लिए ठीक है , यह मेरे काम की है की नहीं , वह सस्पेंस में रहता है  ।  तो मई आप को बिलकुल साफ साफ बोलुँगा की आप कही भी टेक्निक सीखिये मन से सीखिये , जो कोई टेक्निक सिखाई जाये तो पूरा मन को एकाग्र कीजिये ( मोबाइल /कॉल/ sms / फेसबुक / किसी फ्रेंड की याद /घर की याद / परीक्षा की चिंता को हाबी  ना  होने  देवें / मै कई  बार फील किया हूँ  की मेरे  बहुत से ऐसे PWs  है जो इन्ही  में खोये रहते है , और सारी  एनर्जी   इन फालतू की बातो में खर्च कर देते है  और टेक्निक सिखने को सब से लास्ट की लिस्ट में
रखते है ऐसी फर्स्ट लिस्ट में रखना होगा मन को एकाग्र करके सीखना होगा और रियल लाइफ में उपयोग करना होगा click 
3 - पैसा - दोश्तो यह सबसे बड़ा पैरामीटर है । हम सब बेटर सुविधा काम पैसे में खोजते है ( सही भी है ) पर रियल में यह पॉसिबल नहीं है  यदि कोई बहुत काम पैसे लेकर आप को थेरेपी दे रहा है तो कई सवाल खड़े होते है  सच्चाई  तो यह है की अच्छी सुविधा के लिए अच्छा पैसा खर्च करना पड़ता है फिर भी हमें गूगल भगवान से एक बार पूछ लेना चाहिए यह  गूगल से देख लेना चाहिए की किस किस सेंटर की कितनी फीस है क्या क्या सुविधाये है ,कौन कौन  सी तकनीक सिखाई  जाएगी , अनुभव कितना है , क्वालिफिकेशन कितना है , सेल्फ़  का हॉस्टल है की नहीं ,थेरेपी कितने घण्टे डेली होती है, सारी सुविधा से संतुष्ट  होने पर ही अपना अगला कदम बढ़ाना चाहिए  यदि किसी सेंटर की फीस अधिक है और  अच्छी सुविधा दे रहा है तो थेरेपी लेना चाहिए   क्लिक हियर 

4 - पता कीजिये की  स्पीच थेरेपी है /साइको थेरेपी/ या दोनों है ----- बहुत सारे स्पीच थेरेपिस्ट  केवल स्पीच थेरेपी 1 -2  घंटे डेली याद साप्ताहिक देते है  और कुछ नहीं सीखते है केवल धीरे  धीरे बोलना सीखा देते है  और बोलते है की ऐसे ही रियल लाइफ में बोलो जो पॉसिबल नहीं होता है , साथ में साइको थेरेपी भी जरुरी है जिस से आप का डर  निकलता है मेरे हिसाब से सिक्स प्रोसेस होती है  स्तम्मेरिंग को ओवरकम  करने के लिए  और   
 यही 6  आप की हेल्प करेगी 1 स्पीच थेरेपी 2 -साइको थेरेपी 3 - मेडिटेशन  4 मेडिकेशन  5  - adjuster ( optional )6 -सपोर्ट ग्रूप 
 जिस सेंटर में यह ६ प्रोसेस फॉलो की जाती हो वह एक अच्छा सेंटर माना जा सकता है  click 

5 - ऐसे बहुत सारे PWS  है जो अपने फैमिली को बिना बताये  ज्वाइन करते है  और सोचते है की अभी नहीं बताउगा ठीक होने पर बता दुगा ।  ऐसा करने से आप को काम फायद होगा क्यों की आप को आर्थिक ,सामाजिक पारिवारिक  मौहौल नहीं मिलेगा और यहाँ से जाने के बाद आप घर में रूल्स फॉलो नहीं कर पाओगे  और आप  समय / पैसा / मेहनत  सब बेकार  हो जायेगा । आप को अपनी फैमली मेंबर की हेल्प लेनी चाहिए
6 वर्षाती  मेढ़को से बच कर रखिये - बहुत सारे ऐसे भी लोग होते है जो थोड़ी दिन की थेरेपी या एक दो सपोर्ट ग्रुप या NC  अटेंड कर लिए और अपने आप को स्तम्मेरिंग एक्सपर्ट मानाने लगते है ।  कुछ लोग बहुत अच्छे भी है जो रियल में आप की हेल्प करेंगे , ऐसी बहुत  आर्टिकल्स /वेबसाइट/ब्लॉग /फेसबुक  में पेज है जो आधे अधूरे है लिखा कुछ है रियलिटी कुछ और ही है  ऐसे ही मुझे एक वेबसाइट मिली जिस को कॉल किया वह बोलता है मै  आप को ठीक कर दुगा मै  कंप्यूटर एक्सपर्ट हूँ बिजी हूँ २ वर्ष पहले साइट बना दिया था आप टाइम नहीं दे पता पर आप को ठीक कर दुगा आप मुझे कल सुवह सात बजे कॉल कीजिये । ऐसे बहुत सारे पेज है जो बना तो दिए गए है पर वर्क जीरो है  यहाँ पर आप अपना टाइम ख़राब करेंगे इस से बच कर रहना है "नीम हाकिम खतरे की घंटी " cilck 
7 - यह सोच कर किसी  भी स्पीच  थेरेपी सेंटर में मत जाइये  की मै जब लौटुँगा हो 100 % ठीक हो कर लौटुँगा , जैसे किसी व्यक्ति के ऑपरेशन के जस्ट  बाद 100 % गुड फील नहीं करता, कुछ दर्द , कुछ तकलीफ  रहती है ( किसी किसी की प्रॉब्लम ऑपरेशन के बाद बढ़ भी जाती है कुछ समय के लिए )   घर जा कर कुछ दिन तक मालिश पट्टी दवाई खाने से धीरे धीरे आराम मिलना चालू हो जाता है । ठीक वैसे ही हकलाहट में होता है थेरेपी लेने के बाद कुछ दिन आप को घर में भी मेहनत करनी ही पड़ेगी  आप चाहे (थेरेपी/ सपोर्ट ग्रुप /नेशनल कॉन्फरेंस में  ) कही भी ले  पर  घर में केयर  करना ही पड़ेगा,  रियल लाइफ में तकनीक का उपयोग करना ही होगा click 
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                                                     थेरेपी लेने के बाद  
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दोश्तो आप को यह जानना जरुरी है की थेरेपी लेने के बाद  आप को क्या क्या सावधानिया रखनी चाहिए  तो आज मै  आप को यहाँ यह बताउगा की आप जब थेरेपी ले कर लौटे हो क्या क्या सावधानी रखना चाहिए 
1 - अपने आप को अड़ियल  न दिखाए - थेरेपी लेने के बाद आप आदमी यह सोचता है की आप मै स्पीच रूल्स  फॉलो क्या करू , और हकलाने वाले अक्सर यह सोचते /खोजते  नजर आते है  की ऐसा कौन सा दिन होगा जब काम स्पीच रुल फॉलो न करेंगे और बहुत  अच्छा बोलेगे ।  मेरे अनुभव  कहते है की ड्राविंग सीखते के बाद ऐसा शायद  ही  कभी वो दिन आये जब आप बिना  ब्रेक, क्लिच,  एक्सीलेटर ,  पेट्रोल  का  बिना उपयगो किये  गाड़ी ड्राइव कर  पाओगे , मेरे हिसाब से यह सोचना गलत है । सोचना यह चाहिए  की जम  कर रूल्स फॉलो  करुगा और गाड़ी सावधानी  पूर्वक ड्राइव करुगा  तभी हमारी यात्रा सफल होगी । ठीक इसी  प्रकार एक हकलाने वाले व्यक्ति को सोचना चाहिए की थेरेपी का मतलब  बोलने  के रुल्स  सीखना होता है  और रूल्स सिखने के बाद इन रुल्स  को फॉलो करना और रियल लाइफ में फॉलो  करना हमारा प्रथम लक्ष्य होना चाहिए । 
2 - अपनी हकलाहट  को छुपाने से बचे - 
3 - रियल लाइफ में टेक्निक का उपयोग कीजिये 
4 -रेगुलरिटी  का ध्यान दीजिये 
5 - हकलाहट को मैनेज करना सीखिये 
6 - सुनाने की भी आदत डालिये 
7 - click 

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