स्पीच थेरेपी Vs साइकोथेरेपी और हकलाहट
हमारे बहुत से हकलाने वाले भाई बहन बहुत कन्फ्यूज्ड है स्पीच थेरेपी और साइकोथेरेपी के बारे में इस लिए मई आज कुछ कन्फ्यूजन दूर करुगा
हमारे बहुत से हकलाने वाले भाई बहन बहुत कन्फ्यूज्ड है स्पीच थेरेपी और साइकोथेरेपी के बारे में इस लिए मई आज कुछ कन्फ्यूजन दूर करुगा
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शब्द के पहले लेटर को खीच कर (या थोड़ा लम्बा ) कर के बोलना सीखते है प्रोलोंगशन मेथड का उपयोग करते है
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बोउन्सिंग मेथड का उसे करते है इस में कुछ शब्द के फर्स्ट लेटर की साउंड को जान बूझ कर रिपीट कर के बोलने के लिए कहा जाता है
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इस से PWS को फ़ास्ट रिलीफ मिलता है और कॉंफिडेंट बहुत जल्दी बढ़ता है बहुत सारे स्पीच थेरेपिस्ट इस मेथड का उपयोग करते है, सारी इमोशनल इनर्जी को मेथड को फॉलो करने में खर्च करना होता है, कभी कभी एमोशनल एनर्जी काम पड़ जाती है तो मेथड फॉलो करना मुश्किल हो जाता है
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थोड़ा देर से रिस्पॉन्स मिलता है, स्टार्टिंग में हकलाने वाले प्रॉपर सपोर्ट नहीं करते किसी किसी की हकलाहट कुछ समय के लिए बढ़ भी जाती है | पर यदि एक लम्बे समय तक इसको फॉलो किया जाये तो बहुत बेटर रेस्पॉन्स आता है सारे सोशल संगठन जैसे TISA ,BSA , इसी को जोर देते हैं
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इस मेथड में हकलाने वाला अपने हकलाहट को छुपाने में एक्सपर्ट हो जाता है । इस मेथड में हमेशा डर बना रहता है की हकला गया तो मेरी बेज्जती होगी, बदनामी होगीं, पर बहुत जगह यह मेथड सफल भी है क्षणिक लाभ बहुत जगह होता है । ऐसे बहुत सारे हकलाने वाले लोग है, जो इस मेथड का उपयोग कर के , बहुत सारे लोगो से बात कर लेते है , बहुत सारे इंटरव्यू पास कर लेते है , और लाइफ को सफल बना लेते है, पर अंदर से खुलापन नहीं आता है, थोड़ा डर हमेशा बना रहता है
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इस मेथड में हकलाने वाला अपनी हकलाहट को बताने, दिखाने, Acceptance के लिए एक्सपर्ट हो जाता है, थोड़ी सी हकलाहट के साथ बोलता है, पर डर हीनभावना से काफी हद तक मुक्त हो जाता है, और जो ऊर्जा हकलाहट को छुपाने में खर्च कर रहे थे, वह ऊर्जा बच जाती है , और किसी दूसरे काम में आती है, इनके अंदर एक समझ पैदा होती है की हाँ मै एक हकलां व्यक्ति हूँ , और हकलाते हुए ,इसको मैनेज करते हुए, अपनी लाइफ को कैसे एन्जॉय करे , धीरे धीरे साऱी इमोशनल एनर्जी सेव होने लगती है , और वह अपने आप को एक बेहतर प्लेट फॉर्म में खड़ा हुआ पता है
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