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शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015

हकलाने वाले व्यवित बहुत पीछे क्यों रह जाते हैं

D हकलाने वाले व्यवित बहुत पीछे क्यों रह जाते हैं ?; हकलाहट के कारण हम पीछे नहीं रह जाते है ब्लीक हकलाहट का डर हमें पीछे ले जाता है। यह आपकी साइकोलॉजिकल सोच है। ऐसा नहीं हैं ,आपको पता है कि रितिक रोशन जो फ़िल्म एक्टर हैं ,उनके मुँह से एक शब्द नहीं निकलते थे ,वे हकलाते थे और आज फिल्मों में अकबर के उर्दू डायलाग बोलते है। रितिक रोशन जी ने स्वयं स्टार टी.वी. में बतलाया हैं। उनका इंटरव्यू हमारी बेवसाइट पर आज भी उपलब्ध है ,आप देख सकते है। हकलाने वाले कई लोग डॉकटर ,इंजीनियर ,वकील ,टीचर ,पत्रकार ,नेता बन चुके हैं। हाँ ये बात सत्य हैं कि थोड़ी मेहनत और हकलाहट के पति अपना नजरिया बदलना पड़ेगा। तो आप यह नही कह सकते कि हकलाने वाले लोग यह नहीं कर सकते ,वह नही कर सकते। क्या सभी सामान्य लोग उचाइयां छूते हैं ?नही ना। कुछ सामान्य लोग जो मेहनत करते हैं ,वही सफल होते हैं ,वही हाल यहाँ भी हैं। जो मेहनत करते है वही लोग यहाँ भी सफल होते है। सफलता का शार्टकट नही होता है।

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