सर मुझे और मेरे घर वालो को विश्वाश ही नहीं होता की मै ठीक हो जाउगा ऐसा क्यों ?
प्रिय मित्रों अपको तो मेरी संस्था एवं मुझ पर विश्वास नही है लेकिन जब मै परेशान और हकलाता था तो मुझे भी दूसरी संस्था,डाक्टर में विश्वास तो बिल्कुंल नही था। यहाँ तक की अपने आप पर भी विश्वास नही था। और सच्चाई यही है
"की एक हकलाने वाला व्यक्ति का विश्वाश दूसरे पर तो क्या अपने आप पर भी नहीं होता है" । डाक्टर,वकील,पुलिस इन तीन पर विश्वास करना ही होता है। मेरी आपको सलाह यह है की आप किसी पर विश्वास मत कीजिये,यहाँ तक की अपने आप पर भी विश्वास मत कीजिये,विश्वास कीजिये अपने कार्य,मेहनत,लगन पर। जैसे लोग गाना गाना सीख जाते है, डांन्स करना सिख जाते है,उसी प्रकार आप भी शीख सकते है। चूँकि यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमे मेडिसीन कम लगती है,इसमें आत्मविश्वास,मेहनत,लगन Acceptance एवं साइकोलॉजिकली मेथड की आवश्यकता होती है। हर शहर में इसका इलाज उपलब्ध नही है। भारत में 90 % व्यवित अंधविश्वासी होते है। चूँकि हम आप भी भारत के समाज में रहते है इसीलिये इस सामाजिक माहौल का प्रभाव हमारी सोच पर पड़ता है। हकलाने वाला व्यवित लम्बे समय से पीड़ित होता है। हरतरफ से हताश हो जाता है। इसीलिये उसको यह विश्वास नही होता है की मै ठीक हो जाउंगा। अपनी हकलाहट को ठीक करने से अच्छा है की हकलाहट को मैनेज करना सीखिये और लाइफ को एन्जॉय कीजिये Cure शब्द बीमारियों के लिये Care शब्द आदतों के लिये हैं।
प्रिय मित्रों अपको तो मेरी संस्था एवं मुझ पर विश्वास नही है लेकिन जब मै परेशान और हकलाता था तो मुझे भी दूसरी संस्था,डाक्टर में विश्वास तो बिल्कुंल नही था। यहाँ तक की अपने आप पर भी विश्वास नही था। और सच्चाई यही है
"की एक हकलाने वाला व्यक्ति का विश्वाश दूसरे पर तो क्या अपने आप पर भी नहीं होता है" । डाक्टर,वकील,पुलिस इन तीन पर विश्वास करना ही होता है। मेरी आपको सलाह यह है की आप किसी पर विश्वास मत कीजिये,यहाँ तक की अपने आप पर भी विश्वास मत कीजिये,विश्वास कीजिये अपने कार्य,मेहनत,लगन पर। जैसे लोग गाना गाना सीख जाते है, डांन्स करना सिख जाते है,उसी प्रकार आप भी शीख सकते है। चूँकि यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमे मेडिसीन कम लगती है,इसमें आत्मविश्वास,मेहनत,लगन Acceptance एवं साइकोलॉजिकली मेथड की आवश्यकता होती है। हर शहर में इसका इलाज उपलब्ध नही है। भारत में 90 % व्यवित अंधविश्वासी होते है। चूँकि हम आप भी भारत के समाज में रहते है इसीलिये इस सामाजिक माहौल का प्रभाव हमारी सोच पर पड़ता है। हकलाने वाला व्यवित लम्बे समय से पीड़ित होता है। हरतरफ से हताश हो जाता है। इसीलिये उसको यह विश्वास नही होता है की मै ठीक हो जाउंगा। अपनी हकलाहट को ठीक करने से अच्छा है की हकलाहट को मैनेज करना सीखिये और लाइफ को एन्जॉय कीजिये Cure शब्द बीमारियों के लिये Care शब्द आदतों के लिये हैं।
Hi Sir
जवाब देंहटाएंI speak very fast. How should i speak solowly
This is mail ID amit123.966@gmail.com
Thank You