6 तुतलाना (Lisping ) क्या है
जब मानव की श्वास तो ठीक रहता है लेकिन जीभ अपनी आदत बिगाड़ लेती है (वास्तव में जीभ आदत नही बिगड़ती बलिक दिमाग जीभ की आदत बिगड़ता है )तब आवाज तो सही आती है लेकिन उच्चारण गलत हो जाते है।
जैसे -क को ता ,ख को थ ,रोटी को लोटी ,टमाटर को तमतार ,भाटा को भाता , सड़क को सरक बोलने लगता ही उसे तुतलाना कहते है
वास्तव में आप से बोलते आता है लेकिन बोलना भूल चुके है। तुतलाना जीभ ,गला दांत एवं ओठ के गलत किर्या कलाप से होता। जब बच्चा छोटा रहता है तब वह तुतला कर ही बोलता है। माता -पिता को तोतली भाषा सुनकर बहुत अच्छा लगता है। यदि माता -पिता बच्चे को प्यार से बीच -बीच में याद दिलाते रहे कि बेटा तुतला कर मत बोलो अथार्त रोटी को लोटी मत बोलो। शुध्द रोटी बोलो तब बच्चा धीरे धीरे सुधार करने का प्र यास करता है और ठीक बोलने लगता है लेकिन यदि माता -पिता बच्चे की तोतली भाषा सुनकर बहुत तारीफ करते है तो बच्चा सोचता है कि मै ठीक बोलता हूँ तभी तो पापा -मम्मी मेरी तारीफ कर रहे है और बच्चा तोतली भाषा को सुधारने का प्रयास नही करता। धीरे धीरे बच्चा रोटी को लोटी यानि तुतलाकर गलत उच्चारण करने का आदि बन जाता है। जब कुछ बड़ा होता है तब माता -पिता की समझ मे आता है की बच्चा तुतलाकर बोल रहा है। अब माता -पिता बच्चे को डाटना प्रारम्भ करते है कि शुध्द बोलो लेकिन अब बालक चाहकर भी शुध्द उच्चारण नही कर पाता क्योकि 100 % गलत बोलने का बच्चा आदि बन चुका है अब यदि माता -पिता ज्यादा डाटेंगे तो बच्चा तुतलाने के साथ साथ बच्चा अटककर यानि हकलाकर भी बोल सकता है। जिन अक्षरों शब्दों का उच्चारण गलत करते है उनसे हरदम बचने का प्रयास करते है।
यदि आप तुतलाना को ठीक करने के लिए किसी चमत्कारिक इलाज या मेडिसिन सर्च कर रहे है तो शायद आप का टाइम और पैसा बर्बाद होने के आलावा कुछ नहीं होगा क्यों की यह बीमारी नहीं है , जैसे आप डांस सिखने यदि के लिए किसी चमत्कारिक इलाज या मेडिसिन सर्च कर रहे है तो शायद सही नहीं होगा .
इसका ट्रीटमेंट स्पीच थेरेपी में बेटर है तुतलाना 100 ठीक होता है इसको ठीक करने से पहले स्पीच ओर्गन्स का प्रॉपर डायग्नोसिस करना ,आई क्यू लेवल ठीक होना मेन्टल डिसऑर्डर नार्मल होना जरुरी है
जैसे -क को ता ,ख को थ ,रोटी को लोटी ,टमाटर को तमतार ,भाटा को भाता , सड़क को सरक बोलने लगता ही उसे तुतलाना कहते है
वास्तव में आप से बोलते आता है लेकिन बोलना भूल चुके है। तुतलाना जीभ ,गला दांत एवं ओठ के गलत किर्या कलाप से होता। जब बच्चा छोटा रहता है तब वह तुतला कर ही बोलता है। माता -पिता को तोतली भाषा सुनकर बहुत अच्छा लगता है। यदि माता -पिता बच्चे को प्यार से बीच -बीच में याद दिलाते रहे कि बेटा तुतला कर मत बोलो अथार्त रोटी को लोटी मत बोलो। शुध्द रोटी बोलो तब बच्चा धीरे धीरे सुधार करने का प्र यास करता है और ठीक बोलने लगता है लेकिन यदि माता -पिता बच्चे की तोतली भाषा सुनकर बहुत तारीफ करते है तो बच्चा सोचता है कि मै ठीक बोलता हूँ तभी तो पापा -मम्मी मेरी तारीफ कर रहे है और बच्चा तोतली भाषा को सुधारने का प्रयास नही करता। धीरे धीरे बच्चा रोटी को लोटी यानि तुतलाकर गलत उच्चारण करने का आदि बन जाता है। जब कुछ बड़ा होता है तब माता -पिता की समझ मे आता है की बच्चा तुतलाकर बोल रहा है। अब माता -पिता बच्चे को डाटना प्रारम्भ करते है कि शुध्द बोलो लेकिन अब बालक चाहकर भी शुध्द उच्चारण नही कर पाता क्योकि 100 % गलत बोलने का बच्चा आदि बन चुका है अब यदि माता -पिता ज्यादा डाटेंगे तो बच्चा तुतलाने के साथ साथ बच्चा अटककर यानि हकलाकर भी बोल सकता है। जिन अक्षरों शब्दों का उच्चारण गलत करते है उनसे हरदम बचने का प्रयास करते है।
यदि आप तुतलाना को ठीक करने के लिए किसी चमत्कारिक इलाज या मेडिसिन सर्च कर रहे है तो शायद आप का टाइम और पैसा बर्बाद होने के आलावा कुछ नहीं होगा क्यों की यह बीमारी नहीं है , जैसे आप डांस सिखने यदि के लिए किसी चमत्कारिक इलाज या मेडिसिन सर्च कर रहे है तो शायद सही नहीं होगा .
इसका ट्रीटमेंट स्पीच थेरेपी में बेटर है तुतलाना 100 ठीक होता है इसको ठीक करने से पहले स्पीच ओर्गन्स का प्रॉपर डायग्नोसिस करना ,आई क्यू लेवल ठीक होना मेन्टल डिसऑर्डर नार्मल होना जरुरी है
Sir tutlana dur karne ke liya kya karna hoga please reply
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